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( शीर्षक ) देखो पढो विकास है

कवि,साहित्यकार,पत्रकार,संपादक (करन बहादुर)
कवि,साहित्यकार,पत्रकार,संपादक (करन बहादुर)
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जो सन्धान है…
वही तेज है
वही खोज है
वही उर्जा है
वही आकाश है
वही आभाष है…|
क्यों…. ?
अब तू ही बता –
क्यों भूल जाता है मुझे ?
क्या…. नाश है ?
तेरी मौत होने के बाद-
मै नही पछताऊंगा |
तेरी दुनिया को फिर….मै ही बनाउंगा |
मै….,
मै हूँ…. ,
मेरी मुक्ति
मेरी भक्ति
मेरी शक्ति
तू… ,
तु सुधार अपने आपको….
तेरी औकात….,
अब मै ही दिखाऊंगा |
देख लूँगा तुझे…. ,
तू कितना कुटिल….,
निर्दयी….
और…. अहसान फरामोश है |
तेरा ही है सब कुछ….,
तेरा फिर भी….–
कहाँ होश है…..?
करन बहादुर – ( नोयडा ) 09717617357

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